राजनीतिक विचारक

जे. एस. मिल का स्वतंत्रता संबंधी विचार

         CONTENT परिचय, स्वतंत्रता पर निबंध लिखने की प्रेरणा, स्वतंत्रता की परिभाषा, स्वतंत्रता के दार्शनिक आधार, स्वतंत्रता के प्रकार, स्वतंत्रता पर सीमाएं , आलोचनाएं, परिचय – जॉन स्टूअर्ट मिल का स्वतंत्रता संबंधी विचार ऑन लिबर्टी (1859) नामक ग्रंथ में निहित है। मिल का स्वतंत्रता संबंधी ग्रंथ अंग्रेजी भाषा में स्वतंत्रता के समर्थन […]

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उपयोगितावाद का सिद्धांत : बेंथम

उपयोगितावाद का सिद्धांत : बेंथम ( theory of utilitarianism : bentham )                     संदर्भ : उपयोगितावाद का अर्थ, उपयोगितावाद सिद्धांत के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु , उपयोगितावाद की आलोचनाएं, उपयोगितावाद का सिद्धांत बेंथम की सबसे महत्वपूर्ण एवं अमूल्य देन है। उसके अन्य सभी राजनीतिक विचार उसके उपयोगितावाद

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अरस्तु की दासता का सिद्धांत

            CONTENT: दास कौन है ?, दासता के पक्ष में अरस्तू के विचार, दासता के प्रकार, दास प्रथा में सुधार के लिए सूत्र , आलोचना अरस्तु के अनुसार दास प्रथा नगर राज्यों के संपूर्ण विकास के लिए अति आवश्यक है। दासों का तत्कालीन यूनानी समाज में एक महत्वपूर्ण योगदान है।

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अरस्तु की क्रांति का सिद्धांत

                   CONTENT: क्रांति का अर्थ , क्रांतियों के प्रकार, क्रांतियों के उद्देश्य, क्रांति के कारण, क्रांतियों को रोकने के उपाय, आलोचनाएं,   क्रांति का अर्थ  अरस्तु की क्रांति संबंधी धारणा तथा हमारी आज की क्रांति संबंधित धारणा में महान अंतर है। किसी राज्य में जनता अथवा जनता

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अरस्तु का आदर्श राज्य ( ideal state of aristotle )

                    CONTENT: आदर्श राज्य का उद्देश्य, आदर्श राज्य की विशेषताएं, आदर्श राज्य के आवश्यक तत्व, अरस्तु ने अपने ग्रंथ पॉलिटिक्स की सातवीं पुस्तक में अपने आदर्श राज्य का वर्णन किया है। अरस्तु के आदर्श राज्य का विचार उसका मौलिक विचार नहीं है। उसने मुख्य रूप से

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प्लेटो का दार्शनिक शासक

                             CONTENT: दार्शनिक शासक की विशेषताएं, आलोचनाएं, प्लेटो के अनुसार आत्मा के तीन तत्व – ज्ञान, साहस और वासना है। इन्हीं के अनुरूप समाज में ज्ञान प्रधान, भाव प्रधान और वासना प्रधान मनुष्य होते हैं। ज्ञान प्रधान वर्ग सर्वोत्तम होता है। दार्शनिक

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प्लेटो का आदर्श राज्य

              CONTENT: राज्य और व्यक्ति का संबंध, आदर्श राज्य का निर्माण, आदर्श राज्य की आलोचना,   प्लेटो का आदर्श राज्य सभी आने वाले समय और सभी स्थानों के लिए एक आदर्श का प्रस्तुतीकरण है। उसने आदर्श राज्य की कल्पना करते समय उसकी व्यवहारिकता की उपेक्षा की है। यद्यपि प्लेटों

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प्लेटो का साम्यवाद : संपत्ति और पत्नि

                   content: संपत्ति का साम्यवाद, संपत्ति के साम्यवाद की आलोचना, पत्नियों का साम्यवाद, आलोचना, प्लेटो ने अपने आदर्श राज्य के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु दो साधनों को प्रतिपादित किया है – एक, राज्य नियंत्रित शिक्षा और दूसरा, संरक्षक वर्ग के लिए संपत्ति और पत्नियों का साम्यवाद। इस

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प्लेटो का मुख्य ग्रंथ रिपब्लिक

  प्लेटो का मुख्य ग्रंथ रिपब्लिक (platos republic) प्लेटो द्वारा राजदर्शन पर रचित सभी मुख्य ग्रंथों में से उसका ग्रंथ रिपब्लिक ( republic)सबसे मुख्य है, जिसे न्याय से संबंधित (concerning justice) के नाम से भी पुकारा जाता है क्योंकि प्लेटो ने इसके माध्यम से एक ऐसी आदर्श राज व्यवस्था का वर्णन किया है जो न्याय

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कार्ल मार्क्स की ऐतिहासिक भौतिकवाद

                content परिचय समाज विकास की छः अवस्थाओं का वर्णन समाज की आर्थिक व्याख्या के निष्कर्ष आलोचना   परिचय – इतिहास की आर्थिक व्याख्या का सिद्धांत (theory of economic interpretation) अर्थात् ऐतिहासिक भौतिकवाद द्वंदात्मक भौतिकवाद के सिद्धांत को सामाजिक विकास पर लागू करने का नाम है। इसका सीधा साधा

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