भारतीय प्रशासन एवं राजनीति

Sarkaria Commission-सरकारिया आयोग

   Sarkaria Commission  (सरकारिया आयोग)   1983 में केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर.एस. सरकारिया के अध्यक्षता में केंद्र राज्य संबंधों पर एक तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया। आयोग से कहा गया कि वह केंद्र और सरकार के बीच सभी व्यवस्थाओं व कार्य पद्धतियों का परीक्षण करे और इस संबंध में […]

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आपातकालीन उपबंध

                    CONTENT परिचय राष्ट्रीय आपातकाल(अनुच्छेद 352) राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) आपातकालीन उपबंधों की आलोचना     परिचय – संविधान के भाग 18 में अनुच्छेद 352 से 360 तक आपातकालीन उपबंध उल्लिखित है। यह उपबंध केंद्र को किसी भी असामान्य स्थिति से प्रभावी रूप

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संसदीय-व्यवस्था

  Parliamentary System (संसदीय व्यवस्था)                   CONTENT: परिचय संसदीय सरकार की विशेषताएं संसदीय व्यवस्था के गुण संसदीय व्यवस्था के दोष परिचय – भारत का संविधान केंद्र और राज्य दोनों में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था करता है। अनुच्छेद 74 और 75 केंद्र में संसदीय व्यवस्था का उपबंध

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राज्य के नीति निर्देशक तत्व

  राज्य के नीति निर्देशक तत्व (directive pricnciples of the state policy)                 CONTENT : परिचय नीति निदेशक तत्वों का अर्थ एवं स्वरूप संविधान में वर्णित नीति निदेशक तत्व नीति निदेशक तत्व की आलोचना परिचय – नीति निदेशक तत्वों की व्यवस्था हमारे संविधान की प्रमुख विशेषता है। भारतीय संविधान के

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मौलिक कर्तव्य

  Fundamental duties (मौलिक कर्तव्य)   भारत के मूल संविधान में केवल मूल अधिकारों को ही शामिल किया गया था, जबकि मौलिक कर्तव्य प्रारंभ में संविधान में उल्लेखित नहीं था। ऐसी आशा की जाती थी, कि भारत के नागरिक स्वतंत्र भारत में अपने कर्तव्यों की पूर्ति स्वेक्षा से करेंगे, किंतु 42 वें संशोधन अधिनियम 1976

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मौलिक अधिकार

  भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकार (fundamental rights of the Indian citizen)   मौलिक अधिकारों का अर्थ – वे अधिकार जो व्यक्ति के जीवन के लिए अनिवार्य होने के कारण संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं, और जिन अधिकारों में राज्य द्वारा भी हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता, मौलिक अधिकार कहलाते हैं। किसी

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